Vrindavan Ras Charcha

prem ki peer

Bhori Sakhi Ji's "Sarvopari Mhari Maharani" - Prem Ki Peer 38

सर्वोपरि म्हारी महरानी।

सर्वोपरि म्हारी महरानी। जीत लियौ घनश्याम लाड़ली, स्ववस एक रस दानी। ललितादिक संग सखी सहचरी, वृंदावन रज धानी। ब्रह्मा विष्णु शंभु सनकादिक, महिमा नैकु न जानी। वेद पुराण सबै पचि हारे, श्री हरिवंश बखानी। भोरी ओर कृपा करि हेरौ, अलबेली ठकुरानी। – श्री भोरी सखी, प्रेम की पीर (38) हमारी महारानी श्री राधा रानी सर्वश्रेष्ठ

सर्वोपरि म्हारी महरानी। Read More »