Vrindavan Ras Charcha

Biography

Shri Chhabiledas Ji immersed in divine devotion, surrounded by symbols of his love for Shri Rangilal Ji and Shri Radha Ji.

श्री छबीलेदास जी

श्री छबीलदास जी का जन्म देववन के एक तमोरी परिवार में हुआ, लेकिन उनके जीवन की कहानी केवल जन्म से नहीं, बल्कि उनके अनन्य प्रेम और भक्ति से लिखी गई थी। ये बाल्यकाल से ही गोस्वामी श्रीहित हरिवंशजी के अभिन्न मित्र थे। जब हरिवंशजी मात्र सात वर्ष के थे, तो उन्होंने एक कुएँ से श्री

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Shree Radha Baba meditating, reflecting his life of simplicity and devotion

श्री राधा बाबा जी की जीवनी

श्री राधा बाबा: गोरखपुर के महान संत और उनकी आध्यात्मिक यात्रा श्री राधा बाबा का नाम भारतीय आध्यात्मिकता के इतिहास में विशेष महत्व रखता है। गोरखपुर के इस महान संत ने जीवनभर अपने सिद्धांतों और आध्यात्मिक साधना के माध्यम से ईश्वर के प्रति अटूट भक्ति का उदाहरण प्रस्तुत किया। हालांकि, श्री राधा बाबा ने अपने

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Shri Sevak Ji Maharaj in Vrindavan.

श्री सेवक जी (दामोदरदास जी): भक्ति, सेवा और गुरु अनन्य निष्ठा के प्रतीक

सेवक सम सेवक नहीं कोई दामोदरदास जी “सेवक जी” के नाम से प्रसिद्ध हो गए, क्योंकि उनकी तरह सेवा-धर्म का पालन करने वाला और कोई उदाहरण मिलना मुश्किल था। वे सभी हितधर्मियों में अग्रणी थे। श्री हित हरिवंशचन्द्र जी महाराज  का नाम और उनकी वाणी उन्हें अपने दामोदरदास जी “सेवक जी” के नाम से प्रसिद्ध

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Shree Hit Harivansh Chander Ji maharaj | Hit Harivansh Mahaprabhu ji

श्री हरिवंश महाप्रभु जी का जीवन चरित्र

श्री हित हरिवंश चंद्र महाप्रभु जी का परिचय : राधावल्लभ संप्रदाय के गोस्वामी श्री हित रूपलाल जी ने अपने सहचरी वपु से श्री श्यामा श्याम की एक लीला का दर्शन किया, जिसे वे स्वयं वर्णन कर रहे हैं – रास मध्य ललिता जु प्रार्थना जु कीनी। कर ते सुकुमारी प्यारी वंशी तब दिनी।। श्री श्यामाश्याम

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Shree Hit Harivansh Chander Ji maharaj | Hit Harivansh Mahaprabhu ji

Shri Harivansh Mahaprabhu Ji’s Biography

Shree Hit Harivansh Mahaprabhu Ji Introduction: The Goswami of the Radhavallabh Sampradaya, Shri Hit Rooplal Ji, had a divine vision of a leela (pastime) of Shri Shyama Shyam through his spiritual body, which he himself describes: The nectar of Shri Shyama Shyam’s eternal and blissful pastime is continuously showering. At one point, Shri Shyama Ji’s

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